5 Simple Statements About Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana Explained
️ “डर को मत देखो, उसे जीतो।” – स्वामी विवेकानंद
अपने डर को शब्द दो, उसे समझो और स्वीकार करो। खुद से ये सवाल करें:
कुछ समय के लिए आप निडर हो जाते हैं और आपको लगता है की वाह यार ये तो बहुत ही अच्छी चीज़ें हैं.
ध्यान-साधना हमारे मन को शांत करते हैं और किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देते हैं। यह हर उस व्यक्ति के लिए उत्तर है जिनका प्रश्न है कि मन के डर को कैसे निकालें।
उस समय मुझे लग रहा था कि मैं अपने मानसिक डर का इलाज कैसे करूंगी। लेकिन मैं जानती हूँ कि डर हमें प्रकृति से एक वरदान के रूप में मिलता है और ध्यान ही डर दूर करने का मंत्र है। मैं जैसे जैसे ध्यान करती हूँ मेरा डर उतना कम होता जाता है। डर पर जीत पाने का सबसे अच्छा रास्ता है हमारा विश्वास, हमारी आस्था। यह आस्था कि हमारे साथ जो होगा, वह अच्छा होगा।
याद रखो, हम दुनिया में आये भी अपनी मर्ज़ी से नहीं थे और खुद की मर्ज़ी से जायेंगे भी नहीं. जब ये सब कुछ हमारे हाथ में है ही नहीं तो इसके बारे में सोच सोचकर क्या डरना?
स्वयं को लगातार स्मरण कराते रहें कि सब कुछ अच्छे के लिए ही होता है।
जैसे – “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ शांतिः शांतिः शांतिः”
किसी डर से दूर भागने से आपके उस डर के बारे में महसूस करने के तरीके को सुधारने में कभी मदद नहीं मिलेगी। अगली बार जब आप किसी डर का सामना करें, तो उस डर के साथ मौखिक रूप से या शब्दों के साथ जुड़ें, ऐसे शब्दों का उपयोग करें जो आपके डर और चिंताओं का वर्णन कर सकें।
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क्योंकि डर सिर्फ एक दिन here में दूर नहीं होता, कुछ वक़्त तो आपको देना ही होगा. तो चलिए जानते हैं डर को कैसे ख़त्म करें? इसके लिए आपको क्या क्या करना होगा?
आप अपने आप को जैसा चाहे वैसा बनाकर जी सकते हैं. आप चाहें तो हमेशा डरे डरे रहकर जीवन जी सकते हो, या फिर बिलकुल निडर होकर बिना किसी चीज़ से डरे.
एक बात समझ लीजिये की ज़िन्दगी भगवान् ने दी है तो सबका भविष्य भी उन्ही का तय किया हुआ है.
हर बार जब आप कोई छोटा कदम लेते हैं, डर थोड़ा कम हो जाता है।